द न्यूज गली, ग्रेटर नोएडा : जिला न्यायालय की मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (सीजेएम) कोर्ट ने ग्रैंड वेनिस मॉल के मालिक सतेंद्र उर्फ मोंटू भसीन के खिलाफ गैर-जमानती वारंट (NBW) जारी कर दिया है। यह कार्रवाई बीटा-2 कोतवाली क्षेत्र में दर्ज एक आपराधिक मामले में बार-बार कोर्ट समन के बावजूद हाजिर न होने पर की गई है।
कार्यालय में जबरन घुसने और तोड़फोड़ का मामला
यह मामला डीएस च्युइंग प्रोडक्ट्स एलएलपी की शिकायत पर दर्ज किया गया था। कंपनी के कानूनी अधिकारी सुशील कौशिक द्वारा दी गई तहरीर के अनुसार, 8 फरवरी 2025 को सतेंद्र भसीन उर्फ मोंटू भसीन, हरप्रीत सिंह छाबड़ा, अजय धवन और शोकेत खान ने ग्रैंड वेनिस मॉल परिसर में कथित रूप से जबरन घुसपैठ की।
शिकायत के मुताबिक, आरोपियों ने कार्यालय में घुसकर तोड़फोड़ की, कर्मचारियों के साथ दुर्व्यवहार किया और मॉल के प्रशासनिक नियंत्रण को अपने कब्जे में लेने की कोशिश की। इसके साथ ही सीसीटीवी कंट्रोल रूम और सर्वर रूम में घुसकर सुरक्षा प्रणाली को ठप कर दिया गया।
पीड़ित पक्ष ने आरोप लगाया कि इस दौरान 100 से अधिक सरकारी दस्तावेज, पांच-छह निजी लैपटॉप और कई महत्वपूर्ण फाइलें जब्त कर ली गईं।
कोर्ट की अनुमति का हवाला देकर टली थी रिमांड
घटना के बाद पुलिस ने सतेंद्र भसीन को गिरफ्तार कर सीजेएम कोर्ट में पेश किया था। इस दौरान उनके अधिवक्ता ने सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश का हवाला देते हुए कहा था कि उनके मुवक्किल के खिलाफ किसी भी कार्रवाई से पहले उत्तर प्रदेश सरकार को सुप्रीम कोर्ट से अनुमति लेना जरूरी है।
इस दलील पर कोर्ट ने तत्कालीन रिमांड को निरस्त कर दिया था। बाद में, पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश की व्याख्या को लेकर जिला जज की अदालत में अपील की। जिला जज ने सीजेएम कोर्ट को रिमांड की सुनवाई दोबारा करने के निर्देश दिए थे और मोंटू भसीन को व्यक्तिगत रूप से अदालत में पेश होने का आदेश दिया गया था।
कोर्ट में अनुपस्थिति पर सख्त रुख
हालांकि, इसके बावजूद मोंटू भसीन अदालत में पेश नहीं हुए। इस पर कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाते हुए गैर-जमानती वारंट जारी कर दिया है। बीटा-2 कोतवाली प्रभारी के अनुसार अब पुलिस जल्द ही आवश्यक कार्रवाई करते हुए भसीन को गिरफ्तार कर दोबारा कोर्ट में पेश करेगी।
