-राम जन्म पर अयोध्या में मनाई गई खुशी
-रूप बदलकर भगवान राम का दर्शन करने पहुंचे देवता
द न्यूज गली, ग्रेटर नोएडा: श्री धार्मिक रामलीला कमेटी के द्वारा मंचित हो रही रामलीला में तीसरे दिन कई सुंदर दृश्यों का मंचन किया गया। लीला मंचन देवासुर संग्राम से प्रारंभ हुआ। रावण के अत्याचार से दुखी जनमानस का दृश्य मार्मिक था। अत्याचार से परेशान होकर पृथ्वी, मनुष्य, देवता, ऋषि, मुनि सभी याचना करते हुए भगवान विष्णु के पास जाते हैं। दुखियों का दुख देखकर प्रभु का हृदय पिघल जाता है और प्रभु धरती पर अवतरित होने का वचन देते हैं। अगले दृश्य में महाराज दशरथ के अंदर पुत्र प्राप्ति की इच्छा पैदा हो जाती है। गुरु वशिष्ठ के सुझाव पर महाराज दशरथ पुत्रेष्टि यज्ञ के लिए श्रींगी ऋषि से मिलते हैं। ऋषि के साथ यज्ञ से प्राप्त यज्ञ फल से महाराज दशरथ को राम और चारो भाई प्राप्त होते हैं। पूरे अयोध्या में खुशियां ही खुशियां हैं, अयोध्या को दिव्य सजाया गया । सभी देवी देवता रूप बदल बदल कर भगवान के दर्शन के लिए संपूर्ण ब्रह्मांडों से पधारे हैं।
माता सीता का हुआ जन्म
अगले दृश्य में जनकपुर में महाराज जनक अपनी प्रजा के दुख से पीड़ित दिखते हैं, सूखे और भूखमरी से पीड़ित जनकपुर से मुक्ति पाने के लिए ऋषियों के सुझाव पर महारानी के साथ खेतों में हल चलाते हैं। वहीं पर भूमि से माता सीता प्रकट होती हैं और महाराज जनक को पुत्री रूप में साक्षात माता लक्ष्मी प्राप्त होती हैं। जनकपुर खुशियों में झूम उठता है। इस अवसर पर रामलीला समिति के संस्थापक गोस्वामी सुशील महाराज, संस्थापक एडवोकेट राजकुमार नागर, पंडित प्रदीप शर्मा, शेर सिंह भाटी, हरवीर मावी, नरेश गुप्ता, सुशील नागर, धीरेंद्र भाटी, मनोज गुप्ता, सतीश भाटी, दिनेश गुप्ता, पवन नागर, बालकिशन सफीपुर, धीरज शर्मा, आनंद भाटी, ममता तिवारी, अजय नागर, महेश शर्मा सहित अन्य लोग मौजूद थे।

