-भाई बनकर निभा रहे भात देने की पारंपरिक रस्‍म
-15 से अधिक बहनों के घर पहुंचकर निभाई रस्‍म

द न्‍यूज गली, ग्रेटर नोएडा: शादी से पहले भात देने की सदियों पुरानी रस्‍म है। यह रस्‍म बहनों के भाई पूरा करते हैं। बहुत सी ऐसी बहनें हैं जिनके भाई नहीं हैं, ऐसे में रस्‍म पूरी करने में परेशानी आती है। ऐसी बहनों के भाई बनने की अहम जिम्‍मेदारी उठा रहे हैं नरौली गांव निवासी राहुल गुर्जर। अब तक सैकड़ों किलोमीटर दूर 15 से अधिक बहनों के घर पहुंचकर उन्‍होंने भात देने की रस्‍म को पूरा किया है। तीन वर्ष से उनका यह सि‍लसिला लगातार जारी है। राहुल गुर्जर की पहल को लोगों ने सराहा है।

शादी से पहले होती है रस्‍म
भात देने की रस्‍म शादी से पहले होती है। जिसमें लड़की का भाई उसे कपड़े, मिठाई व उपहार के रूप में अन्‍य सामान के साथ पैसे भी देता है। राहुल गुर्जर सहारनपुर, मेरठ, मुजफ्फरनगर, दिल्‍ली, गाजियाबाद व अन्‍य स्‍थानों पर पहुंचकर रस्‍म अदा कर चुके हैं। इस काम में परिवार के लोग उनका पूरा साथ देते हैं। राहुल के साथ भात की रस्‍म में उनके दोस्‍त भी जाते हैं।

ऐसे शुरू हुआ सिलसिला
राहुल ने बताया कि लगभग तीन वर्ष पहले एक गांव में बैठे थे। चर्चा हो रही थी कि एक लड़की का भाई नहीं था, इस कारण यह रस्‍म नहीं हो पाई। लड़की काफी रो रही थी, यह बात जानकर उन्‍हें दुख हुआ। सोशल मीडिया के माध्‍यम से उन्‍होंने प्रसारित किया कि यदि किसी बहन के भाई नहीं हैं तो वह भाई बनकर भात की रस्‍म अदा करेंगे। लोगों ने उनसे संपर्क साधा। वह बताते हैं कि बुलावा चाहे कहीं से भी आए पूरी शिद्दत के साथ रस्‍म में पहुंचते हैं।