-बंद हो चुकी डीसीएम डेबू कंपनी से अब तक काटे जा चुके हैं एक हजार पेड़
-वन विभाग की मिलीभगत से हो रहा था खेल, विभाग ने साधी चुप्पी
द न्यूज गली, ग्रेटर नोएडा: प्रदेश का शो विंडो माने जाने वाले गौतमबुद्ध नगर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का सबसे पसंदीदा जिला माना जाता है। मुख्यमंत्री के पसंदीदा जिले में पेड़ों की अंधाधुंध कटाई का खेल चल रहा है। मुख्यमंत्री ने हरियाली को बढ़ाने का आदेश दिया है पेड़ों को काट कर हरियाली को नुकसान पहुंचाया जा रहा है।आरोप है कि यह खेल वन विभाग के लोगों की मिलीभगत से ही चल रहा था। शिकायत के बाद मुख्य गेट पर सील लगाई गई तो दबंगों ने गेट को ही गायब करा दिया। गेट गायब कराने के बाद दोबारा से पेड़ों की कटाई शुरू हो गई है। वन विभाग के अधिकारी कार्रवाई की बजाए आंख बंद किए बैठे हैं।
सील तोड़ने की बजाए गेट करा दिया गायब
सूरजपुर के पास जिले की सबसे पुरानी डेबू कंपनी थी। यक कंपनी पिछले कई वर्ष से बंद पड़ी है। काफी बड़े क्षेत्रफल में फैली कंपनी में हजारों की संख्या में पेड़ हैं। लकड़ी माफिया ने वन विभाग के लोगों से मिलीभगत कर पेड़ों की कटाई शुरू करा दी। लगभग एक हजार पेड़ कट गए लेकिन वन विभाग को पता तक नहीं चला। जानकारी के बाद जून माह में पर्यावरण प्रेमी विक्रांत तोंगड़ ने डीएम, वन विभाग व पुलिस से मामले की शिकायत की। जांच में मौके पर एक ट्रक में कई कटे हुए पेड़ भी मिले थे। जिसके बाद मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई करते हुए मुख्य गेट पर सील लगा दी गई थी। विक्रांत ने बताया कि कुछ दिनों पूर्व सील लगे गेट को ही गायब करा दिया गया और दोबारा से पेड़ काटे जा रहे हैं। विक्रांत का कहना है मामले की शिकायत दोबारा वन विभाग में की गई तो जिला वन अधिकारी तमान बहाने बता रहे हैं। मामले में जानकारी के लिए जिला वन अधिकारी से फोन पर संपर्क किया गया लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया।
एनजीटी में चल रहा है मामला
विक्रांत ने मामले की शिकायत एनजीटी में भी की थी। मामले की सुनवाई एनजीटी में भी चल रही है। जिसमें वन विभाग, यूपीसीडा को भी पार्टी बनाया गया है। एक हजार पेड़ की कटाई के मामले में एनजीटी भी गंभीर है। सील किए गए गेट को गायब करने की शिकायत भी एनजीटी में की गई है। उम्मीद है मामले में एनजीटी जल्द कड़ा आदेश जारी कर सकता है।