-विधायक ने कहा सुलभ न्‍याय के लिए अतिरिक्‍त हाईकोर्ट बेंच जरूरी
-न्‍याय के लिए लोगों को लगाना पड़ता है प्रयागराज का चक्‍कर

द न्‍यूज गली, ग्रेटर नोएडा: प्रदेश में अतिरिक्‍त हाईकोर्ट बेंच खोलने की मांग हजारों अधिवक्‍ताओं के द्वारा लंबे समय से की जा रही है। अधिवक्‍ताओं की इस मांग को विधायक धीरेंद्र सिंह का समर्थन मिला है। मांग के समर्थन में विधायक ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। पत्र में प्रदेश की विशाल जनसंख्या और लंबित मामलों की गंभीरता का हवाला दिया है। पत्र के माध्‍यम से कहा है कि देश की सबसे अधिक आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश में वर्तमान में सिर्फ इलाहाबाद (प्रयागराज) मुख्य पीठ और लखनऊ खंडपीठ कार्यरत हैं। जबकि अन्य राज्यों —जैसे महाराष्ट्र, कर्नाटक और मध्य प्रदेश —में कई अतिरिक्त खंडपीठें पहले से हैं और हाल ही में महाराष्ट्र में एक और नई पीठ को स्वीकृति दी गई है। कहा है कि दूरस्थ क्षेत्रों के नागरिकों को न्याय पाने के लिए अत्यधिक दूरी और खर्च वहन करना पड़ता है। इससे न केवल आम जनता हतोत्साहित होती है बल्कि राज्य के विकास कार्यों पर भी प्रतिकूल असर पड़ता है।

लाखों लोगों को होगा फायदा
धीरेंद्र सिंह ने इस मुद्दे को बीते दिनों उत्तर प्रदेश विधान सभा और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष भी प्रस्तुत किया था। जहाँ उन्होंने स्पष्ट किया कि प्रदेश की विशालता और 1 करोड़ से अधिक लंबित मामलों को देखते हुए अतिरिक्त हाई कोर्ट बेंचों की स्थापना अब अत्यावश्यक हो चुकी है। पत्र के माध्‍यम से उन्होंने प्रधानमंत्री से आग्रह किया है कि न्याय मंत्रालय को शीघ्र निर्देशित कर उत्तर प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों — जैसे मेरठ, आगरा, गोरखपुर, झांसी और गौतमबुध नगर में हाई कोर्ट की नई खंडपीठें स्थापित की जाएं। विधायक का कहना है कि यह कदम न केवल प्रदेशवासियों के लिए न्याय को सुलभ और किफायती बनाएगा, बल्कि लोकतांत्रिक भारत में समान न्याय के अधिकार को भी साकार करेगा।