-गुर्जर के साथ ब्राह्मण नेताओं पर चल रहा है मंथन
-जिलाध्‍यक्ष बनने के लिए हर स्‍तर से नेता कर रहे हैं प्रयास

द न्‍यूज गली, ग्रेटर नोएडा: मौसम भले ही ठंठा हो गया हो लेकिन जिलाध्‍यक्ष का चुनाव होने के कारण भाजपा नेताओं को ठंडक का एहसास नहीं हो रहा है। जिलाध्‍यक्ष चुनाव के जिस पल का नेताओं को लंबे समय से इंतजार था वह घड़ी नजदीक आ गई है। जिलाध्‍यक्ष का पद पाने के लिए नेताओं ने अपने-अपने स्‍तर से प्रयास शुरू कर दिया है। कुछ नेता आकाओं से मिली सहमति तो कुछ काम के दाम पर जिलाध्‍यक्ष बनने की दौड़ में आगे चल रहे हैं। चुनाव जनवरी में होना है लेकिन नए जिलाध्‍यक्ष का चयन भाजपा के नए प्रदेश अध्‍यक्ष पर टिक गया है। यदि जिलाध्‍यक्ष चुनाव से पहले प्रदेश अध्‍यक्ष बदले तो किसी नए चेहरे पर दांव लग सकता है अन्‍यथा मौजूदा जिलाध्‍यख गजेंद्र मावी को दोबारा मौका मिल सकता है।

यह नाम चल रहे आगे
प्रदेश में सत्‍ता होने के कारण मौजूद समय में भाजपा जिलाध्‍यक्ष रुतबा होता है। ऐसे में पार्टी से जुड हर नेता जिलाध्‍यक्ष बनने के लिए प्रयास कर रहा है। अपनी नीति के तहत पार्टी दो बातों पर विशेष फोकस कर कार्यकर्ताओं को मौका देती है। पहला वह कार्यकर्ता लंबे समय से पार्टी से जुड़ा हो और दूसरा जिले के जातिगत समीकरण पर सही बैठता हो। इस लिहाज से जिलाध्‍यक्ष की अग्रणी पंक्ति में गजेंद्र मावी, सुभाष भाटी, अभिषेक शर्मा का नाम सबसे आगे चल रहा है। दौड़ में अन्‍य जो नाम शामिल हैं उसमें सुनील भाटी, बलराज भाटी, सतीश गुलिया, सेवानंद शर्मा, सत्‍येंद्र नागर, दीपक भारद्वाज, देवा भाटी, सुशील शर्मा, पवन नागर, आनंद भाटी, वेद प्रकाश गुप्‍ता व अन्‍य का नाम शामिल है।

गुर्जर या ब्राह्मण पर दांव
जिलाध्‍यक्ष पद के लिए गुर्जर या ब्राह्मण नेता पर पार्टी दांव लगा सकती है। गुर्जर मतदाताओं की संख्‍या अधिक होने के कारण उन्‍हें रिझाने के लिए दोबारा से गुर्जर जिलाध्‍यक्ष बनाया जा सकता है। एक संभावना यह भी बन रही है कि पिछले लगभग सात साल से जिलाध्‍यक्ष पद पर गुर्जर नेता काबिज रहे। छह साल विजय भाटी व लगभग एक साल गजेंद्र मावी जिलाध्‍यक्ष रहे। उससे पहले हरीश ठाकुर व सत्‍येंद्र सिसौदिया जिलाध्‍यक्ष रहे थे। ऐसे में ब्राह्मण नेता पर भी दांव लगाया जा सकता है। पार्टी कार्यकर्ताओं की मानें तो यदि ब्राह्मण पर दांव लगता है तो अभिषेक शर्मा का नाम सबसे आगे है।