
द न्यूज गली, नोएडा : नोएडा के सेक्टर-126 थाना क्षेत्र में स्थित चार प्रतिष्ठित स्कूलों – हेरीटेज स्कूल, स्टेप बाय स्टेप स्कूल, ज्ञानश्री स्कूल और मयूर स्कूल – को बुधवार की रात करीब 12:30 बजे एक ई-मेल के माध्यम से बम होने की झूठी धमकी मिली। इस मेल में स्कूल के बच्चों और स्टाफ को जान से मारने की धमकी दी गई और यह दावा किया गया कि स्कूल परिसर में विस्फोटक सामग्री रखी गई है।
स्कूल में बना भय का माहौल
इस घटना से स्कूल प्रशासन, छात्र-छात्राओं के अभिभावकों और स्थानीय निवासियों में भय का माहौल बन गया। स्कूल प्रबंधन ने तुरंत पुलिस को इस संदर्भ में सूचित किया, जिसके बाद प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी।
पुलिस की मुस्तैदी से बड़ा खतरा टला
मामले की गंभीरता को देखते हुए, नोएडा पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए चारों स्कूलों को खाली कराया। सभी छात्रों, शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों को सुरक्षित स्थानों पर भेज दिया गया। इसके बाद, बम निरोधक दस्ते और डॉग स्क्वायड की टीमों को बुलाया गया, जिन्होंने स्कूल परिसरों की सघन तलाशी ली। कई घंटे चली इस जांच के दौरान किसी भी तरह के विस्फोटक पदार्थ या संदिग्ध वस्तु का पता नहीं चला, जिससे यह पुष्टि हुई कि ई-मेल में दी गई धमकी पूरी तरह झूठी थी। इसके बाद, पुलिस ने अभिभावकों और स्कूल प्रशासन को आश्वस्त किया कि किसी भी प्रकार का खतरा नहीं है और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए स्कूलों को पुनः खोलने की अनुमति दी गई।
किशोर ने ऐसे रची थी साजिश
नोएडा पुलिस ने इस मामले को हल करने के लिए साइबर सेल और सर्विलांस टीम की मदद ली। ई-मेल की ट्रैकिंग और तकनीकी जांच के आधार पर पुलिस को संदिग्ध के बारे में अहम जानकारी मिली, जिसके बाद गुरुवार को दिल्ली के सरिता विहार से एक नाबालिग को हिरासत में लिया गया। यह किशोर एक निजी स्कूल में 9वीं कक्षा का छात्र है और उसकी उम्र लगभग 15 वर्ष बताई जा रही है।
आरोपी किशोर से पूछताछ
पुलिस द्वारा की गई पूछताछ में आरोपी किशोर ने स्वीकार किया कि उसने हाल ही में मीडिया और सोशल मीडिया पर नोएडा के अन्य स्कूलों को मिली बम धमकियों के बारे में खबरें देखी थी। इन खबरों को देखने के बाद उसके मन में भी ऐसी ही धमकी भेजने का विचार आया।
यूट्यूब पर वीडियो देखकर बनाई योजना
उसने बताया कि उसने यूट्यूब पर कुछ ऐसे वीडियो देखे थे, जिनमें साइबर अपराध और बम धमकी जैसी घटनाओं की चर्चा हो रही थी। इन वीडियो में यह भी दिखाया गया था कि कैसे लोग फर्जी धमकियां देकर सुरक्षा एजेंसियों को गुमराह कर सकते है और प्रशासन में अफरातफरी मचा सकते है। इन वीडियो से प्रेरित होकर, उसने इस हरकत को अंजाम देने की योजना बनाई।
पहचान छिपाने के लिए किया वीपीएन सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल
अपनी पहचान छिपाने के लिए उसने वीपीएन (VPN) सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया, ताकि पुलिस को उसका असली आईपी एड्रेस न मिल सके। हालांकि, पुलिस की साइबर टीम ने अत्याधुनिक तकनीकों की मदद से उसका लोकेशन ट्रैक कर लिया और उसे गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस आगे की जांच कर रही है।