-घटना के बाद शारदा यूनिवर्सिटी के छात्रों ने खोला मुंह
-कड़ी कार्रवाई करते हुए यूनिवर्सिटी प्रबंधन ने 5 प्रोफेसरों को किया सस्पेंड
द न्यूज गली, ग्रेटर नोएडा: शारदा यूनिवर्सिटी में बीडीएस की छात्रा ज्योति शर्मा द्वारा की गई आत्महत्या के बाद नाराज छात्रों ने अपना मुंह खोला है। छात्रों ने बताया कि उन्हें विभिन्न प्रकार से प्रताडि़त किया जाता था। जुर्माने के नाम पर प्रबंधन अपनी जेब भरता था। छात्रों पर दो से लेकर 25 हजार रुपए तक का जुर्माना लगाया जाता था। यदि कोई छात्र किसी चीज की शिकायत करता था तो सीधे उस पर टारगेट किया जाता था। छात्रों के द्वारा लगाए गए तमाम आरोपों के बाद यूनिवर्सिटी प्रबंधन की आंख खुली और कड़ा कदम उठाते हुए कुल पांच लोगों को सस्पेंड किया है। घटना की जांच के लिए प्रो वाइस चांसलर प्रोफेसर परमानंद के नेतृत्व में टीम गठित की गई है। टीम के सदस्य पांच दिन में विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे।
छात्रा को कर रहे थे टारगेट
छात्रा के अभिभावकों ने बताया कि प्रोफेसरों ने यह आरोप लगाया था कि दिए गए असाइमेंट पर टीचरों की बजाए छात्रा ने स्वयं ही साइन कर दिए थे। इस बात को लेकर उसे लगातार परेशान किया जा रहा था। कुछ दिन पूर्व छात्रा के पिता ने यूनिवसिर्टी आकर मामले की शिकायत की थी। जिसके बाद मृतक छात्रा ज्योति प्रोफेसरों के निशाने पर आ गई थी। प्रोफेसरों ने उसे परीक्षा में बैक लगाकर साल खराब करने की धमकी दी थी। साथ ही अन्य प्रकार से भी टार्चर कर रहे थे। जिसके बाद परेशान होकर छात्रा ने आत्महत्या का कदम उठाया। छात्रा के परिजनों के साथ समाजवादी छात्र सभा, किसान मजूदर संघर्ष मोर्चा, कांग्रेस, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद व अन्य संगठनों ने धरना प्रदर्शन किया। पांच दिन बाद कड़ी कार्रवाई न होने पर दोबारा प्रदर्शन की चेतावनी दी है। मामले में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने शारदा यूनिवर्सिटी के प्रो वाइस चांसलर को ज्ञापन भी सौंपा है।


