द न्यूज गली, ग्रेटर नोएडा: नॉलेज पार्क स्थित शारदा विश्वविद्यालय में शारदा देवी गुप्ता की छठी पुण्यतिथि के अवसर पर पहुंची निमाई पाठशाला की संस्थापक रेणुका गोस्वामी ने वैदिक प्रवचन दिया। वैदिक सभ्यता में महिलाओं की गहन भूमिका पर प्रकाश डाला। सनातन धर्म के शाश्वत ज्ञान के माध्यम से महिलाओं को सशक्त बनाने के अपने मिशन को आगे बढ़ाने के लिए जोर दिया। अपने भाषण के दौरान, रेणुका गोस्वामी ने आध्यात्मिक, सामाजिक और बौद्धिक क्षेत्रों में वैदिक महिलाओं की शक्ति, बुद्धिमत्ता और नेतृत्व पर ज़ोर दिया। उनके भाषण ने श्रोताओं को गहराई से प्रभावित किया और दर्शाया कि वैदिक सिद्धांत आज की दुनिया में, विशेष रूप से महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने में, कैसे प्रासंगिक और परिवर्तनकारी बने हुए हैं।
हर व्यक्ति भाग्य विधाता
रेणुका गोस्वामी ने कहा कि हर व्यक्ति अपने भाग्य का खुद ही विधाता है। यद्यपि भगवान ने हम सब का भाग्य लिखा है किंतु उन्होंने हमारा भाग्य पेंसिल से लिखा है। जिसे मिटाकर हम स्थाई स्याही से अपना भाग्य खुद लिख सकते हैं, लेकिन इसके लिए हमारे पास सकारात्मक ऊर्जा होनी बहुत जरूरी है।उन्होंने कहा कि ब्रह्मांड में दो प्रकार की ऊर्जा संचारित हो रही है। इसमें सकारात्मक ऊर्जा और नकारात्मक ऊर्जा का समावेश है।अब यह हम सभी पर निर्भर है कि हम कौन सी ऊर्जा अपने भीतर समाहित कर रहे हैं। शारदा विश्वविद्यालय के चांसलर पीके गुप्ता ने कहा कहा कि हम सभी को अपने जीवन में हमेशा अच्छा करते रहने की ही कोशिश करनी चाहिए और सकारात्मक विचार रखने चाहिए।सकारात्मक विचार जीवन में बड़ा बदलाव लाते हैं। इस अवसर पर प्रो चांसलर वाइके गुप्ता, सीईओ प्रशांत गुप्ता, वाइस प्रेसिडेंट रिषभ गुप्ता,वाइस चांसलर डाक्टर सिबाराम खारा, प्रो वाइस चांसलर डाक्टर परमानंद, रजिस्ट्रार डाक्टर विवेक गुप्ता, डाक्ट राजीव गुप्ता, डाक्टर आरसी सिंह, डाक्टर भुवनेश कुमार समेत विभिन्न विभाग के डीन और एचओडी मौजूद थे।


