द न्यूज गली, नोएडा : नोएडा प्राधिकरण ने ग्रुप हाउसिंग के दो बिल्डरों के खिलाफ सख्त कदम उठाने की तैयारी कर ली है। इन पर प्राधिकरण का भारी बकाया है और खरीदारों की रजिस्ट्री रोक रखी गई है। प्राधिकरण ने इन बिल्डरों के खिलाफ रिकवरी सर्टिफिकेट (आरसी) जारी करने का फैसला किया है। साथ ही, एक मामले को आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) को रेफर करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
200 करोड़ रुपये के बकाये पर होगी जांच
एक बिल्डर पर 200 करोड़ रुपये का बकाया है, जो नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) में चल रहा है। बिल्डर को 700 यूनिट फ्लैट बनाने के लिए जमीन आवंटित की गई थी, लेकिन मामला दिवालिया प्रक्रिया में चला गया है। प्राधिकरण अब ईओडब्ल्यू से इस मामले की जांच करवाकर बकाये की वसूली की गुहार लगाएगा।
अमिताभ कांत समिति की सिफारिशों की अनदेखी
अमिताभ कांत समिति की सिफारिशें लागू होने के बावजूद कई बिल्डर न तो बकाया चुका रहे हैं और न ही खरीदारों की रजिस्ट्री कर रहे है। प्रमुख सचिव की हालिया बैठक में प्राधिकरणों को ऐसे मामलों में कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए गए थे।
पांच अन्य परियोजनाएं भी रडार पर
नोएडा प्राधिकरण ने बताया कि पांच अन्य बिल्डर परियोजनाएं भी रडार पर हैं। इनमें से एक की फाइल तैयार हो रही है, जबकि चार अन्य से बातचीत जारी है। इन बिल्डरों पर कुल मिलाकर 800 से 1000 करोड़ रुपये का बकाया है। अगर वे बकाया जमा नहीं करते हैं, तो उनके मामले भी ईओडब्ल्यू को भेजे जाएंगे।
सेठी और सिक्का बिल्डर के खिलाफ आरसी जारी होगी
प्राधिकरण सेठी और सिक्का बिल्डर के खिलाफ आरसी जारी करने की तैयारी कर रहा है। इनकी परियोजनाओं में 500 से 600 रजिस्ट्री लंबित है, जबकि प्राधिकरण का बकाया भी चुकता नहीं किया गया है। इन बिल्डरों ने केवल आंशिक भुगतान किया है, जिसके बाद से कोई राशि जमा नहीं की गई है।
प्राधिकरण का सख्त रुख
सीईओ लोकेश एम. ने कहा दो बिल्डरों के मामले पहले ही ईओडब्ल्यू को भेजे जा चुके है। चार-पांच अन्य की फाइल तैयार हो रही है। इसके अलावा तीन-चार बिल्डरों के खिलाफ आरसी जारी करने की प्रक्रिया चल रही है। शासन ने हमें सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए है। अगर बकाया राशि वसूली जाती है, तो न केवल प्राधिकरण को अपना पैसा मिलेगा, बल्कि फंसे हुए फ्लैट खरीदारों की रजिस्ट्री भी संभव होगी।