-जिला पर्यावरण समिति की बैठक में लिया गया अहम निर्णय
-नोएडा व ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के द्वारा की जाएगी कार्रवाई

द न्‍यूज गली, ग्रेटर नोएडा: ग्रेटर नोएडा वेस्‍ट में तेजी से अवैध कॉलोनियां बस रही हैं। कई कॉलोनियां ऐसी भी हैं जो प्राधिकरण के अधिसूचित क्षेत्र में बस गई हैं या बसाई जा रही हैं। बावजूद प्राधिकरण के द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई। जिला पर्यावरण समिति की बैठक में विक्रांत तोंगड के द्वारा अवैध कालोनी व ओवर लोड़ वाहनों के मामले को प्रमुखता से उठाया गया। बैठक में दोनों विषयों पर गंभीरता से चर्चा की गई। अवैध कॉलोनियों पर नोएडा व ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण व ओवर लोडिंग के मामले में परिवहन व पुलिस विभाग को कार्रवाई करने का आदेश दिया गया।

हरित प्राधिकरण ने दिया है आदेश
राष्‍ट्रीय हरित प्राधिकरण दिल्‍ली ने आदेश दिया है कि अवैध रूप से बस रही कॉलोनियों पर कार्रवाई की जाए। जहां-जहां पर कार्रवाई का आदेश दिया गया है उसमें ग्रेटर नोएडा का क्षेत्र भी आता है। ग्रेटर नोएडा वेस्‍ट में कहां-कहां पर अवैध कॉलोनी बसाई जा रही है अधिकारियों ने उस पर चर्चा की। पर्यावरण समिति की अगली बैठक तीन माह बाद होगी। इस दौरान क्‍या-क्‍या कार्रवाई की गई उस पर रिपोर्ट तैयार कर राष्‍ट्रीय हरित प्राधिकरण को जानकारी दी जाएगी।

ओवरलोड़ से यह होता है नुकसान
ट्रकों को क्षमता से अधिक लोड करने से पर्यावरण को कई प्रकार के नुकसान होते हैं। सड़कों और बुनियादी ढांचे का नुकसान होता है। ओवरलोडेड वाहनों से सड़कों, पुलों और हाईवे पर अतिरिक्त भार पड़ता है, जिससे सड़कें जल्दी खराब हो जाती हैं। यह मरम्मत और पुनर्निर्माण के लिए अधिक ऊर्जा और संसाधनों की आवश्यकता पैदा करता है। ओवरलोडिंग से इंजन पर अधिक दबाव पड़ता है, जिससे अधिक ईंधन की खपत होती है और हानिकारक गैसों (जैसे CO2, CO, NOx) का उत्सर्जन बढ़ता है। क्षमता से अधिक लोड किए गए ट्रकों से धूल, मिट्टी और मलबा गिर सकता है, जो आसपास की हवा और पानी को प्रदूषित करता है। यह स्वास्थ्य समस्याओं जैसे सांस संबंधी बीमारियों का कारण बन सकता है।