द न्यूज गली, ग्रेटर नोएडा : प्रदेश सरकार ने नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण सहित सभी औद्योगिक विकास प्राधिकरणों में खाली जमीनों का उपयोग करते हुए नए उद्योगों की स्थापना की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने औद्योगिक इकाइयों की विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने के लिए सर्वेक्षण कराने की योजना बनाई है। इस योजना के तहत औद्योगिक भूखंडों का लैंड बैंक तैयार किया जाएगा और देश-विदेश की कंपनियों को यहां निवेश के लिए आमंत्रित किया जाएगा।

डाटा संग्रह के लिए आधुनिक तकनीक का उपयोग
औद्योगिक भूखंडों का डाटाबेस तैयार करने के लिए रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (आरएफपी) जारी कर दी गई है। चयनित एजेंसी अधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित कर क्षेत्रीय दौरे के दौरान मोबाइल एप्लिकेशन की मदद से वास्तविक समय का डाटा रिकॉर्ड करेगी। चार महीने की अवधि में पूरा होने वाले इस सर्वेक्षण के तहत भूखंडों के आकार, भूमि उपयोग, उद्योग श्रेणी, परिचालन स्थिति, कर्मचारियों की संख्या और उत्पादों का विवरण एकत्रित किया जाएगा।

गौतमबुद्धनगर औद्योगिक विकास का केंद्र
उत्तर प्रदेश में कुल 42 हजार औद्योगिक इकाइयों में से 15 हजार गौतमबुद्ध नगर में स्थित है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस क्षेत्र में 5 हजार और औद्योगिक इकाइयां स्थापित हो सकती हैं। नोएडा और ग्रेटर नोएडा में पहले से मौजूद मजबूत आधारभूत संरचना और औद्योगिक माहौल इसे निवेशकों के लिए आकर्षक बनाते है।

एयरपोर्ट निर्माण: वैश्विक निवेश का द्वार
नोएडा एयरपोर्ट के निर्माण के साथ ही यमुना और ग्रेटर नोएडा क्षेत्र पर अमेरिका, कोरिया, जापान जैसे देशों की नजरें टिकी हुई है। अमेरिका की एक कंपनी ने यहां शैक्षणिक संस्थान के लिए 100 हेक्टेयर जमीन की मांग की है। एयरपोर्ट के संचालन के बाद फॉर्च्यून-500 कंपनियों सहित कई बड़े निवेशकों के यहां आने की संभावना है।