द न्यूज गली, नोएडा: दिल्ली-एनसीआर में हवा की गुणवत्ता बेहद खराब श्रेणी में पहुंचने के बाद ग्रेप-4 की पाबंदियां फिर से लागू कर दी गई हैं। केंद्रीय वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने इन प्रतिबंधों को तत्काल प्रभाव से लागू किया है। प्रदूषण के बढ़ते स्तर के मद्देनजर सरकार ने वाहनों और निर्माण कार्यों पर सख्ती बढ़ा दी है।
वाहनों पर सख्त पाबंदी
ट्रकों के प्रवेश पर रोक: दिल्ली में अब सिर्फ आवश्यक वस्तुएं लेकर आने वाले ट्रकों को अनुमति मिलेगी। सीएनजी, इलेक्ट्रिक और बीएस-6 इंजन वाले ट्रकों को छूट दी गई है। चारपहिया वाहनों पर प्रतिबंध: बीएस-3 पेट्रोल और बीएस-4 डीजल इंजन वाले वाहनों का संचालन पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगा।
भारी वाहनों पर सख्ती: दिल्ली में पंजीकृत बीएस-4 भारी वाहनों की आवाजाही पर भी रोक रहेगी।
निर्माण कार्य और स्कूलों पर रोक
निर्माण कार्यों पर सख्ती: प्रदूषण फैलाने वाले निर्माण और विध्वंस कार्यों पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है। स्टोन क्रशर मशीनें, खनन कार्य और निर्माण सामग्री ढोने वाले वाहनों का संचालन भी प्रतिबंधित रहेगा।
स्कूल हाइब्रिड मोड में: दिल्ली, गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद और गौतमबुद्ध नगर में कक्षा 6वीं से 9वीं और 11वीं तक की पढ़ाई अब ऑनलाइन और ऑफलाइन मोड में होगी। अभिभावक बच्चों के लिए विकल्प चुन सकते है।
कार्यालयों में 50% कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम
सरकारी और निजी कार्यालयों को 50 प्रतिशत कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम देने के निर्देश दिए गए है। केंद्र सरकार भी अपने कर्मचारियों के लिए इस व्यवस्था पर विचार कर सकती है।
दिल्ली सबसे प्रदूषित शहर
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) की रिपोर्ट के मुताबिक, सोमवार को दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 401 दर्ज किया गया, जिससे यह देश का सबसे प्रदूषित शहर बन गया। एनसीआर के अन्य शहरों जैसे बहादुरगढ़ (369) और ग्रेटर नोएडा (358) भी बेहद प्रदूषित श्रेणी में रहे।