द न्यूज गली,ग्रेटर नोएडा: नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के संचालन की तैयारी के बीच एक महत्वपूर्ण सड़क परियोजना पर फिर से संकट के बादल मंडराने लगे है। ईस्टर्न पेरिफेरल और यमुना एक्सप्रेसवे को जोड़ने वाले इंटरचेंज का निर्माण एक बार फिर अटक गया है। यमुना प्राधिकरण की 23 दिसंबर को प्रस्तावित बैठक में इस परियोजना की जिम्मेदारी भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) को सौंपने पर मुहर लगनी थी, लेकिन चेयरमैन अनिल सागर को हटाने के कारण बैठक को लेकर असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है।
एयरपोर्ट कनेक्टिविटी पर संकट
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट अप्रैल में शुरू होने जा रहा है। एयरपोर्ट की बेहतर सड़क कनेक्टिविटी के लिए इस इंटरचेंज का निर्माण बेहद जरूरी माना जा रहा है। लेकिन 2019 से इस परियोजना को लेकर लगातार अड़चनें आ रही है। किसानों के विरोध और मुआवजा विवाद के कारण परियोजना की लागत 75 करोड़ से बढ़कर 122 करोड़ हो गई।
पिछले साल तत्कालीन मुख्य सचिव डीएस मिश्रा ने इस परियोजना का शुभारंभ किया था, लेकिन निर्माण कंपनी ने मिट्टी कार्य के लिए अतिरिक्त राशि की मांग की। NHAI ने इसे मानने से इंकार कर दिया और काम फिर ठप पड़ गया।
आठ लूप वाला होगा इंटरचेंज
यमुना एक्सप्रेसवे और ईस्टर्न पेरिफेरल को जोड़ने वाले इस इंटरचेंज में कुल आठ लूप होंगे। इसके साथ ही यीडा की 60 मीटर चौड़ी सड़क भी इससे जुड़ जाएगी। इससे नोएडा और ग्रेटर नोएडा के सेक्टरों की कनेक्टिविटी में सुधार होगा। यात्रियों को दोनों एक्सप्रेसवे के बीच ग्रेटर नोएडा से होकर नहीं गुजरना पड़ेगा, जिससे करीब 10 किलोमीटर की दूरी कम होगी।
फायदे होंगे लेकिन काम अधर में
इंटरचेंज के बनने से यात्रियों का समय और ईंधन बचेगा। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट आने-जाने वाले लोगों को इस कनेक्टिविटी से काफी फायदा होगा। लेकिन चेयरमैन के हटने के कारण बोर्ड बैठक नहीं हो सकी और परियोजना पर निर्णय अधर में लटक गया है।